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दर्शन एवं ज्योतिष ब्लॉग

ज्योतिष एवं स्वतंत्र इच्छा शक्ति

Posted on June 15, 2021June 15, 2021

ज्योतिष का संबंध अनिवार्य से या आधारभूत से है। मनुष्य की जिज्ञासा उत्सुकता अधिक से अधिक अर्ध आधारभूत तक ही जाती है, मनुष्य खुशी खुशी या दुख की अवस्था में मृत्यु को प्राप्त करेगा, उसका सम्बद्ध अनिवार्य या आधारभूत ज्योतिष से है। वो इमारत शीघ्र गिर सकती है या गिर जाएगी जिसके आधार गौण या अनावश्यक पर रखे गए हैं। जो कुछ भी व्यक्ति मनुष्य या वस्तुस्थितियों के जीवनकाल में अनिवार्य है और वो आधारभूत व्यक्ति मनुष्य समूह और वस्तुस्थितियों और सृष्टि की असीमता और अनंतता में लयबद्ध या अनुकंपी है। इस पूरे संसार या संसृति का एक हिस्सा मनुष्य व्यक्ति या वस्तुस्तिथियाँ हैं। अब तक इस संसृति मे जो कुछ भी घटित हुआ है। उसमे कोई मनुष्य अकेला नही है, सारी संसृति या संसार ही शामिल है। जो कुछ भी किसी एक वस्तु परिस्तिथी को घटित हो रहा है उसमे सम्पूर्ण संसार या संसृति का हस्तक्षेप है। जिस बिन्दु को ब्रहांन्ड संसृति की सभी शक्तियाँ छूकर गुजरती हैं, वहाँ एक व्यक्ति मनुष्य या वस्तुस्तिथी का निर्माण संभव हो जाता है।

आधारभूत या अनिवार्य ज्योतिष को इस प्रकार देखते हैं कि मनुष्य वस्तुस्थितियां पृथक नही बल्कि एकताल या एक तरह कि लयबद्दता में हैं। गौतम बुद्ध ने कहा जो हुए हैं उनसे भी हमे सहायता मिली है और जो अभी नही हुए हैं उनसे भी मुझे सहायता मिली है क्योंकि यदि वो भविष्य में न होंगे तो मैं आज वर्तमान में न हो सकूँगा, वर्तमान हो ही न सकेगा यदि भविष्य आगे न खड़ा हो। इस ब्रह्मांड का एक कायिक समुदाय या मूलभूत तत्व होना अनिवार्य या सारभूत ज्योतिष है।

किसी व्यक्ति का समृद्ध या विपन्न होना ज्योतिष से सम्बद्ध नही, यदि सब पहले से तय है तो समस्त ज्ञानार्जन अध्ययन अनुसंधान मूल्यहीन या महत्वहीन है। एक पाँव उठाने को व्यक्ति सर्वदा स्वतंत्र है, किन्तु एक पाँव उठाते ही दूसरा पाँव तत्क्षण बंधन प्राप्त होता है, पहले पाँव से सम्बद्ध होना मूलभूत का पर्याय है।

 वस्तुस्थितियों और मनुष्य की सीमाएं हैं सीमाओं के भीतर ही कुछ स्वेच्छा या स्वतंत्र संकल्प या इच्छा शक्ति विद्यमान है। चोरी करने के बाद तत्क्षण कर्म बंधन हो ही जाएगा किन्तु चौर्य कर्म करना या न करना स्वतंत्र संकल्पना स्वतंत्र इच्छा शक्ति है, जिसका चुनाव या इख्तियार सर्वदा उपलब्ध है। यदि ज्योतिष सही है तो संसृति या ब्रह्मांड सही है, और व्यक्ति या व्यक्तियों को उपलब्ध वस्तुस्थितियां नही। अनंत ब्रह्माण्ड संसृति की इच्छा संकल्प शक्ति का व्यक्ति वस्तु परिस्तिथियाँ एक हिस्सा हैं।

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