व्यक्तिगत अनुभव और व्यक्तित्व
व्यक्ति, व्यक्तित्व ‘व्यक्तिगत अनुभव’ दर्शन और ज्योतिष की भी केंद्रीय विषय वस्तु हैं हालांकि ये आत्मनिष्ठ प्रश्न हैं किन्तु फिर भी अधिकांशतः ये दर्शन मे समेकित वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की शृंखला मे ही आते हैं।
व्यक्ति की संकल्पना मे बहुत अर्थछटाएं है, साधारणतः व्यक्ति से हमारा तात्पर्य दृष्टिगत या निश्चित व्यक्तिपरक या निश्चित व्यक्तिवादी होने जैसा ही होता है, जिसकी अपनी जैविक अवधारणाएं एवं विशेषताएं, अपने बाह्य लक्षण, अपना आत्मिक या व्यक्तिगत जीवन, जिसका समष्टि समाज मे अपना ही एक विशिष्ट जीवनपथ भी है। जब बात जीवनपथ या व्यक्ति के जीवन मार्गो की आती है तो उसमे ज्योतिष एवं दर्शनविदों की रुचि आबद्ध या निहित होगी ही, ऐसे मे उन्हे अपने अपने शब्दों मे एवं पहले से चली आ रही तमाम तरह की परिपाटियों को समझते हुए प्रत्येक विशिष्ट व्यक्ति, व्यक्तित्व, और उनके ‘व्यक्तिगत अनुभव’ भी अपने साहित्य एवं दस्तावेज़ों मे सहेजने ही होंगे, इस प्रकार तमाम तरह के व्यक्तिगत अनुभवों और व्यक्ति को सुलभ हुए बिंबों से और उनकी व्याख्या कर पाने मे सक्षम होने से ही दार्शनिक साहित्य का निर्माण होता रहता है, इसी तरह ज्योतिष मे भी पहले से उपलब्ध प्रतिमानों एवं परिपाटियों मे नए उपलब्ध व्यक्तित्व व्यक्तिगत अनुभवों एवं उनके बिंबों की उनके द्वारा की गयी एवं उनके बारे मे समष्टि मे उपलब्ध अनन्य व्याख्याओं को भी ज्योतिषविदों को अपने नए प्रकाशित होते दस्तावेजों मे दर्ज़ करना ही होता है, अन्यथा विषय किसी प्राचीन कूप की भांति प्रयोग मे न होने के कारण एक स्मृतिचिन्ह की भांति केवल ऐतिहासिक दस्तावेज़ सा हो जाएगा। अर्थात ये दोनों ही विषय व्यक्ति एवं विस्तीर्ण व्यक्तिगत अनुभवों की समेकित संभावनाओं को लिए अपने विशिष्ट प्रगति पथों पर सतत बढ़ते रहते हैं। व्यक्ति के अनुभव बेहद निजी होने के साथ कुछ ऐसे प्रतिमान लिए हुए भी होते हैं जों तमाम दूसरे व्यक्तियों से समानता लिए हुए हो सकते हों, और समानता की संभावना लिए ये प्रतिमान जिन दस्तावेजों या साहित्यिक रचनाओं मे भी होते हैं वो उस विशिष्ट तरह के चिंतन और अनुभवों की समानता लिए हुए व्यक्ति को रुचिकर एवं अवश्यंभावी सत्य की प्रतीति लिए हुए हो सकते हैं, और इस तरह रुचि के आधार पर व्यक्ति स्वयं को दूसरे व्यक्तिगत अनुभवों के साथ या समष्टि बिंबों के एक अपने जैसे प्रतीत होते हुए हिस्से या स्वयं को प्रीतिकर समाज से जुड़ा हुआ पाता है।
अभी ये लेख अपूर्ण है।
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